इसके भारी मात्रा में होते इस्तेमाल को देखकर अमेरिका के कई वैज्ञानिक और एक्सपोर्ट लोगों ने इस पर रिसर्च किया। और उनका कहना है कोरोनावायरस से सुरक्षा के मामले में डिस्पोजल सर्जिकल दस्ताने की कोई जरूरत नहीं है। इससे लोगों को सुरक्षा का झूठा एहसास होता है कि उनकी हाथ बिल्कुल साफ और सुरक्षित है जबकि ऐसा नहीं होता है।
डॉक्टरों और एक्सपर्ट्स का कहना है आप तो दस्ताने उतारते वक्त भी अपने हाथों को गलती से दूषित कर सकते हैं इसलिए यदि आप दस्ताने उतारने के बाद अपने हाथ नहीं धोते हैं तो आपके हाथ साफ नहीं होते हैं चाहे आप मन ही मन सोचते हैं कि दस्ताने पहनने की वजह से आपके हाथ तो साफ होंगे।
आप सुरक्षित महसूस कर सकते हैं। क्योंकि आपकी त्वचा किसी सतह को छूती है। लेकिन जैसे ही आप किसी सतह को छूने के बाद अपने मास्क या चेहरे को छूते हैं इससे संक्रमण फैल सकता है, भले ही अपने दस्ताने पहने हो। इन हालत में आप के दस्ताने कोई सुरक्षा का काम नहीं करते हैं।
लेकिन हेल्थ वर्कर्स के लिए है जरूरी
एक्सपोर्ट्स और डॉक्टरों का मानना है हेल्थ वर्कर्स, डॉक्टर को इसकी जरूरत काफी थी। जो जानते हैं इसका इस्तेमाल किस तरह होता है।और आम जनता इसका इस्तेमाल करना जानती ही नहीं है ।लेकिन फिर भी आम जनता द्वारा इसका भारी मात्रा में इस्तेमाल होने के कारण डॉक्टरों को खुद दस्ताने नहीं मिल पा रहे हैं।
पर्यावरण के लिए भी है काफी हानिकारक
उनके अनुसार दस्तानी के दस्ताने के पर्यावरणीय पहलू पर भी ध्यान देने की जरूरत है। इससे गैरकानूनी कचरा पैदा हो रहा है। साथ ही उनका कहना है हमें कोविड19 के प्रसार को रोकने के लिए उन चीजों पर ध्यान देना चाहिए जिनके बारे में हम जानते हैं जैसे घर में रहना, बाहर जाने से पहले मास्क पहनना,समय-समय पर हाथ धोना, छुए जाने वाली सतह को बार-बार साफ करना आदि।
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