नमस्कार दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं करोना वैक्सीन के ऊपर। चीन से शुरू हुआ यह कोरोनावायरस आज पूरी दुनिया की हालत खराब कर चुका है । करोना वायरस के मरीज लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। भारत में कोरोनावायरस के मरीजों की संख्या 31 लाख के पार हो गई है तो वही 30 लाख मरीज सही हुए हैं यानी ठीक हुए हैं। तो वही 55000 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या करोना कि वैक्सीन कभी नहीं बन पाएगी। या कब तक बनकर तैयार होगी। कौन सा देश है जो सबसे पहले बनाएगा। क्या भारत में वैक्सीन नहीं तैयार हो रही है और हो भी रही है तो कब तक बनकर तैयार होगी । आज कुछ ऐसे ही खास सवालों के जवाब देंगे।
दुनिया के सैकड़ों देश इस समय कोरोनावायरस की वैक्सीन बना रहे हैं। भारत भी इस रेस में है। भारत ने भी कोरोनावायरस की वैक्सीन को बनाकर तैयार किया है। जिसका नाम कोविशिल्ड है। और साथ ही यह वैक्सीन आने वाले 73 दिनों के अंदर ही भारत वासियों के लिए उपलब्ध करा दी जाएगी। और यह वैक्सीन सभी भारतीयों को बिल्कुल मुफ्त में लगाई जाएगी
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भारत की पहली कोरोनावायरस की वैक्सीन कोविशिल्ड पुणे की बायोटेक कंपनी सिरम इंस्टीट्यूट बना रही है जिसका दावा है कि भारत में यह वैक्सीन 73 दिनों के अंदर उपलब्ध हो जाएगी। और राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत भारत सरकार सभी भारतीयों को मुफ्त में टीका लगाएगी। वैक्सीन बनाने में कोई देरी न आए इसके लिए भारत सरकार ने विशेष निर्माण प्राथमिकता लाइसेंस दिया है । इसके तहत ट्रायल प्रोटोकॉल की प्रक्रिया को तेज कर दिया जाएगा। ताकि ट्रायल 58 दिनों में ही पूरा हो जाए। इसके बाद इसे बाजार में लाने की योजना है। हालांकि इससे पहले भारत की पहली कोरोनावायरस वैक्सीन कोविशिल्ड को बनाने में 7 से 8 महीने लगने की बात कही जा रही थी। यानी कि 2021 इस वैक्सीन के ट्रायल में ही निकल जाता। लेकिन भारत सरकार के इस विशेष पहल के कारण इस प्रक्रिया को काफी तेज कर दिया गया है। आपको बता दूं कि इस प्रक्रिया को आज से ही काफी तेज कर दिया गया है।17 केंद्रों पर 1600 लोगों के बीच कोविशिल्ड वैक्सीन का ट्रायल 22 अगस्त से शुरू हो गया है। इस प्रक्रिया में हर केंद्र पर लगभग 100 लोगों पर कोरोना वैक्सीन की टेस्टिंग की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो कोविशिल्ड वैक्सीन सिरम इंस्टीट्यूट का है। सिरम इंस्टीट्यूट ने एस्ट्रा जेनेका कंपनी से इस वैक्सीन को बनाने के अधिकार खरीदे हैं। बदले में सिरम इंस्टीट्यूटए एस्ट्रा जेनेका को रॉयल्टी का भुगतान करेगी। वैक्सीन बननेेे के बाद सिरम इंस्टीट्यूट इस वैक्सीन को भारत समेत दुनिया के 92 देशों में बेचा जाएगा। जून 2022 तक भारत सरकार सिरम इंस्टीट्यूट से 68 करोड टीके खरीदेगी जिसकेेेे बाद राष्ट्रीय टीकाकरण के तहत यह टीका सभी भारतीयों बिल्कुल मुफ्त में लगाया जाएगा।
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